tag:blogger.com,1999:blog-4029304101914281282.post3109600554992443940..comments2023-10-22T22:43:00.814+13:00Comments on MERE SAPNE MERE APNE: गर बचा सको, तो बचा लो यारों।Nitish Rajhttp://www.blogger.com/profile/05813641673802167463noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4029304101914281282.post-13806994761765526312009-04-06T14:03:00.000+12:002009-04-06T14:03:00.000+12:00"अब तो संभल जाओ मेरे प्यारों, जैसी है अभी हमारी दु..."अब तो संभल जाओ मेरे प्यारों, <BR/>जैसी है अभी हमारी दुनिया, <BR/>इससे अच्छी ना कर सको तो भी, <BR/>जैसी है उसे उस हाल में बचा लो, <BR/>गर बचा सको तो यारों।"<BR/>आपका लेख सार्थक है।<BR/>बधाई।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4029304101914281282.post-79049258745850198682009-04-06T13:04:00.000+12:002009-04-06T13:04:00.000+12:00सच कहा-कम से कम जैसी है उस हाल को ही बचा लें तो बे...सच कहा-कम से कम जैसी है उस हाल को ही बचा लें तो बेहतर. दुर्गति की गति को विराम देना आवश्यक है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com