भारत की रैंकिंग ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद से बढ़ गई और भारत दूसरे पायदान पर आकर टेस्ट रैंकिंग में खड़ा हो गया। जहां भारत ने 40 मैच खेलते हुए 4659 अंक हासिल किए और रैंकिंग अंक 116 मिले हैं वहीं दूसरी तरफ द.अफ्रीका के भी रैंकिंग अंक 116 ही हैं पर उसके 34 मैचों के साथ 3953 अंक हैं। भारत दूसरे पायदान पर खड़ा हो पाया क्योंकि उसने पहले नंबर पर खड़े घमंडी कंगारुओं को 2-0 से सीरीज में मात दी। वैसे ऑस्ट्रेलिया के 121 अंक हैं और अभी तो खास तौर पर वो पहले पायदान पर आराम से खड़ा हुआ है पर भारत दूसरे पायदान पर कैसे आया ये वाकई एक सफर है खासतौर पर पिछली सीरीज में तो।
ये चमत्कार हुआ है टीम वर्क से, इस बार हम श्रीलंका में हुई सीरीज की तरह दब कर नहीं खेले। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच फर्क इतना था कि टीम इंडिया के शेर दहाड़ते हुए दिखे और कंगारू पूरी तरह लाचार।
जहां भारत के गेंदबाज और सलामी बल्लेबाज के साथ-साथ स्पिन का जादू भी चला तो वहीं दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम फिसड्डी दिखी। जहां ईशांत शर्मा चार मैचों में 27.06 की औसत और 55.2 की स्ट्राइक रेट के साथ 15 विकेट चटकाकर सबसे कामयाब गेंदबाज रहे, वहीं दूसरी ओर ब्रेट ली 4 मैच में आठ विकेट ही झटक सके। वो भी 61.62 के औसत और 111 के स्ट्राइक रेट से। ली की धार इस बार फीकी रही जबकि जॉनसन ऑस्ट्रेलियाई खेमें से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले बने रहे जिन्होंने 4 मैच में 13 विकेट लिए। अमित मिश्रा और हरभजन सिंह के जादू ने भी सीरीज़ का पलड़ा भारत की तरफ झुकाने में अहम किरदार निभाया। हरभजन ने 3 मैच में 15 विकेट लेकर ईशांत के साथ रहकर नंबर वन की कुर्सी पर छाए रहे। तो दूसरी तरफ अमित ने 3 मैच में 14 विकेट झटककर कुंबले की कमी को पूरा किया।
यदि हम अब नजर डालें भारतीय बल्लेबाजी पर तो, गौतम गंभीर तीन मैचों में 77.16 के औसत से 463 रन बनाकर अव्वल रहे और दूसरे नंबर पर रहे सचिन 4 मैच में 396 रन बनाए वहीं हसी ने 4 मैच में 394 रन बनाए और मैथ्यू हेडन की हालत पूरी सीरीज में खराब रही।
भारत के गेम प्लान के सामने कंगारुओं का गेमप्लान ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। पूरी सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में पंटर और ली के बीच की खींचातानी से पन्ने भरे रहे। पंटर की कप्तानी पर दिग्गजों ने सवाल खड़े किए। ये एक ऐसा मौका था जब कि पंटर की सेना पर तीर छोड़े जा रहे थे और वो कुछ कर भी नहीं पा रही थी। ये वर्ल्ड क्रिकेट में भारत की नई उड़ान है ये नंबर वन की कुर्सी की ओर बढ़ा एक मजबूत कदम है ये बदला है, बदला उस टीम से जिसने पिछली बार बेइमानी से भारत को सीरीज़ में हाराया था।
अब इंग्लैंड की बारी है। इंग्लैंड के कप्तान पीटरसन और फ्लिंटॉफ ने सीरीज शुरू होने से पहले कहा था कि पूरी सीरीज में वो भारत के ऊपर हावी रहेंगे। साथ ही सीरीज शुरु होने से पहले अभ्यास मैच में इंग्लैंड ने दो मैच खेले थे और एक जीता था और एक हारा था। दूसरे मैच में इंग्लैंड की पूरी टीम 100 के आंकड़े को भी छू नहीं पाई थी और 98 पर ऑल आउट होगई थी और मैच 124 रन से गवां दिया था। तब पीटरसन ने कहा था कि हम तो यूं ही खेल रहे थे। शायद अब दो मैच के बाद भी लगता तो ये ही है कि वो यूं ही खेल रहे हैं। जहां इंग्लैंड में अखबारों के पन्ने पूरी तरह से भारतीय टीम की तारीफ से अटे पड़े हैं वहीं दूसरी तरफ पीटरसन और उनकी टीम पर बार-बार निशाना साधा जा रहा है।
अब देखना तो ये होगा कि युवराज-गंभीर की आंधी को पीटरसन की सेना कैसे रोक पाएगी। राजकोट, इंदौर और अब कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में ये देखना होगा कि क्या भारत फिर से अंग्रेजों के छक्के छुड़ा पाएगा जबकि अब तो ईशांत भी पूरी तरह फिट हो चुके हैं।
आपका अपना
नीतीश राज
"MY DREAMS" मेरे सपने मेरे अपने हैं, इनका कोई मोल है या नहीं, नहीं जानता, लेकिन इनकी अहमियत को सलाम करने वाले हर दिल में मेरी ही सांस बसती है..मेरे सपनों को समझने वाले वो, मेरे अपने हैं..वो सपने भी तो, मेरे अपने ही हैं...
उस दिन मुझे बहत खुशी हो गी जिस दिन इंग्लैंड होगा फर्श पर,
ReplyDeleteधन्यवाद सुंदर जानकारी के लिये
england ki team under pressure hai aur indain team poori form mein--umeed to aisee hi hai.
ReplyDeleteshubhkamnayen
बहुत बढिया ! हम भी इन्तजार में रहेंगे ! शुभकामनाएं !
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