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Sunday, December 21, 2008

सबूत पे सबूत मांगते हो, कार्रवाई करोगे या फिर...।

सबूत, सबूत, सबूत, सबूत मांगता है पाकिस्तान। कितने सबूत चाहिए पाकिस्तान को और किस बात के सबूत चाहिए। अब क्या आकाशवाणी होगी कि पाकिस्तान ही है जिम्मेदार। वो ही है मुंबई के २०० लोगों का हत्यारा और करोड़ों लोगों के दिल को दुखाने और दहशत भरने का जिम्मेदार। क़ातिल ने खुद मान लिया कि हां मैंने ही क़त्ल किया है। करोड़ों लोगों के सामने उसने नरसंहार किया। ऐसा नहीं कि तुम(पाक) नहीं देख रहे थे उस हत्याकांड को। पाक को भी पता चल रहा था कि हां ये उनके ही आदमी है लेकिन कबूल कर तो वो सकता ही नहीं।
मुंबई हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबूत दिए साथ ही २० मोस्ट वांटेड लोगों की लिस्ट भी थमा दी। पाक ने तुरंत इस बात से मना कर दिया कि उनके देश में मोस्ट वांटेड नहीं हैं। साथ ही यदि होंगे भी तो हम भारत को नहीं सौपेंगे, जो भी करना होगा हम पाकिस्तान की अदालत में ही करेंगे। मतलब उनका भी साफ था कि पाकिस्तान फिर से अंग्रेजों के शासनकाल में लौट जाएगा जहां पर हर कानून उनका अपना होता था, जज से लेकर पैरोकार तक। भारत ने वो ही सबूत यूएन के पास भी भेजे थे। यूएन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तुरंत पाक को आगाह किया और पाक के एक आतंकवादी संगठन पर कार्रवाई होगई। फिर पाक किस बात के सबूत मांग रहा है। जब एक तरफ तो हमारे दिए हुए सबूत पर कार्रवाई कर रहा है तो फिर किस बात के सबूत।
दूसरी तरफ जब कसाब ने ये खुद कबूल किया है कि वो पाकिस्तानी है और साथ ही पाक के फरीदकोट का रहने वाला है तो फिर भी पाकिस्तान को भरोसा नहीं हो रहा है। चलो भई कसाब को हमने और हमारी पुलिस ने खूब पीटा और फिर उससे जबर्दस्ती ये लिखवाया और बुलवाया जा रहा है तो चलो कसाब की बात भी छोड़ देते हैं।
पाकिस्तान के फरीदकोट का रहने वाला एक शख्स जो कि अपना नाम आमिर बताता है उसने बोला है कि टीवी पर दिखलाए जाने वाला आतंकवादी जिसने की मुंबई में नरसंहार किया वो उसका ही बेटा है। उस पिता ने तो यहां तक कहा कि वो कई दिन तक ये सोचते रहे कि कैसे कबूल करें कि अजमल आमिर कसाब उनकी ही औलाद है।
फरीदकोट के इस शख्स को रातों रात कहां गायब कर दिया जाता है कि पता ही नहीं चलता। दूसरी तरफ बीबीसी के संवाददाता जब वहां जाकर तहकीकात करता है तो उसे कसाब के घर सादी ड्रेस में पुलिस का पहरा दिखता है। पुलिस का पहरा क्यों? कोई जवाब देने के लिए। फिर उस रिपोर्टर को वहां से चले जाने के लिए कहा जाता है।
पाकिस्तान का नेशनल टीवी डॉन, एक स्टिंग ऑपरेशन करता है वो भी कसाब के गांव का। कैमरे पर तो नहीं पर हिडन कैमरे पर सभी लोगों ने कसाब की असलियत खोल दी।
अब पाकिस्तान की दो ऐसी शख्सियत ये बोल रही हैं कि अजमल आमिर कसाब पाकिस्तानी है। नवाज शरीफ ने एक पाक टीवी को दिए इंटरव्यू में ये साफ साफ कह दिया कि कसाब पाकिस्तानी है और जरदारी इस सच को सामने आने देना नहीं चाहते। साथ ही पाकिस्तान में इस सच को कबूल करने वाले तो बहुत मिल जाएंगे लेकिन सामने लाने वाला नहीं। नवाज शरीफ ने ये भी कहा कि खुद नवाज ने इस बात का पता लगाया है कि फरीदकोट का ही रहने वाला है कसाब और उसका परिवार भी वहीं रहता है और साथ ही उसके परिवार पर हर समय पेहरा है। सीधे उन्होंने ये बात कही है कि यदि कसाब पाकिस्तानी नहीं है तो फरीदकोट में इतनी सुरक्षा क्यों है।
अब पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष असमा जहांगीर ने ये माना है कि पाकिस्तान का ही है कसाब। साथ ही उन्होंने ये भी माना कि बेहतर हो कि पाकिस्तान सीधे-सीधे इस बात को मान ले और फिर क्या अब भी सबूत की जरूरत है पाकिस्तान को, ये असमा जहांगीर ने कहा।
पाकिस्तान और पाक मीडिया इस बात को कहीं और से जोड़ कर देख रहे हैं। पाक के मैरियट होटल को उड़ाने के अंदाजे से आरडीएक्स से भरा ट्रक होटल से टक्करा दिया जाता है वहां पर इस बात को भारत की तरफ से कार्रवाई माना जा रहा है। पाक मीडिया और विश्लेषक भी जरदारी राग अलापने में लगे हुए हैं। भारत को इस बार कड़ा कदम उठाना होगा।
कहीं से भी छोटी से भूल भारत-पाक को युद्ध की ओर लेजा सकती है। दोनों देशों को बचाना तो इस युद्ध से ही है क्योंकि अलगाववादी ये ही तो चाहते हैं।

आपका अपना
नीतीश राज
“जब भी बोलो, सोच कर बोलो,
मुद्दतों सोचो, मुख्तसर बोलो”