Saturday, January 23, 2010

’मेरी मर्जी’


सर, मेरे पास भी वो ही सामान है जो कि उस स्टॉल पर है। आपने मेरा सामान देखा, मुझसे बात की और फिर दूसरे स्टॉल पर जाकर सामान खरीद लिया। जबकि मेरा सामान उसके सामान से क्वालिटी में बेहतर है, फिर भी आपने ऐसा किया। आपने जानबूझकर मेरे साथ ये बुरा व्यवहार किया है। आप नहीं चाहते कि मैं ऊपर उठूं। आपने उस दुकान से ही ये सामान क्यों लिया, आपको मेरे से ही सामान लेना होगा, नहीं लोगे तो मैं ट्रेड फेयर के मालिकों से और अपनी सरकार से आपकी शिकायत करूंगा। आपने मेरे साथ गलत किया है?’
मेरी मर्जी, मेरा पैसा मैं चाहे किसी से सामान खरीदूं, तुम कौन? मेरी मर्जी!’

ऐसा वाक्या आपके साथ भी हुआ होगा, कई बार ऐसा होता है। पर इसका ये मतलब नहीं कि दाना-पानी लेकर कोई दूसरे के ऊपर चढ़ जाए। पर कुछ ऐसा ही आजकल देखने में आ रहा है स्पोर्टसमैनशिप के नाम पर आईपीएल में।

पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आईपीएल 3 के लिए यदि नहीं लिया गया तो इसमें कहां से आगई दुश्मनी की बात। क्यों बार-बार सरहद के पार से ये बयान आ रहा है कि पाक खिलाड़ियों पर बोली ना लगाकर उनकी बेइज्जती की गई है। अब तो हर पाकिस्तानी का मानना है कि इसमें हिंदुस्तान का षडयंत्र है। भारत सरकार ही नहीं चाहती कि पाकिस्तानी खिलाड़ी भारत में आकर खेलें और पैसा कमाएं।

अब बात मैं तर्कों से करता हूं।

सबसे पहला तर्क, ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ियों को भी नहीं लिया गया, उनकी बोली नहीं लगी तो क्या ऑस्ट्रेलियन भी ये बोलने लगें कि ये भारत सरकार की करनी धरनी है? ऑस्ट्रेलिया में भारतियों पर हमला होने के कारण टेनिस सितारों ने नाम वापस ले लिया। तो ये भी सरकार का ही फैसला होगा? जबकि हाल में जो शिवसेना ने धमकी दी उसके बाद ऑस्ट्रेलियन खिलाड़ी ऐसा मानते हैं कि भारत में खेलने में कोई हर्ज नहीं है। पर भारतीयों पर हो रहे हमले पर भारतीयों की प्रतिक्रिया को क्या ऑस्ट्रेलियन नहीं समझते होंगे। जब एक देश समझ रहा है तो दूसरा देश हमारा पड़ोसी मुल्क समझने में कोताही क्यों बरत रहा है। क्या पाकिस्तान के लोगों को ये पता नहीं होता कि भारत की राजनीति में क्या चल रहा है?

इसमें कोई दो राय नहीं है कि 20-20 के चैंपियनों की बेइज्जती हुई है। पर ये बेइज्जती की किसने है? मेरा जवाब है खुद पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने अपनी बेइज्जती करवाई है?
क्या पाकिस्तानी खिलाड़ी या वहां कि आवाम ये नहीं जानती कि 26/11 का घाव अभी भी हरा है। फिर कैसे कोई भी फ्रेन्चाइजी ओनर उसी ट्राइडेंट होटल में बैठकर उन्हीं पाकिस्तानियों की बोली लगाता जिसके देश से आए लोगों ने इसी होटल को कुछ समय पहले कब्रगाह बना दिया था।

आईपीएल एक प्राइवेट संस्था है वो किसको रखेगी कब वेन्यू चेंज करेगी इसमें सरकार का कोई भी हस्ताक्षेप नहीं है। यदि ये छोटी सी बात पाकिस्तानियों की मोटी बुद्धि(जो कि उनके पास नहीं है) में नहीं आती तो इसमें कोई भी कुछ नहीं कर सकता। मेरी मर्जी मैं आपको लूं या ना लूं। इतना बड़ा आईपीएल सीजन है उसमें से कोई मजबूत खिलाड़ी नहीं पहुंचे तो उस टीम पर कितना फर्क पड़ेगा ये शायद दूर से हाथ सेकने वाले नहीं समझ सकते। उनको तो पैसा मिल जाता और फिर जो भी नुकसान होता फ्रेन्चाइजी को होता। क्या कोई भी पाकिस्तानी ये आश्वासन दे सकता है कि मार्च 13 तक भारत पर आतंकी हमला नहीं होगा। शायद कोई नहीं उनके हुक्मरान तक नहीं।

बिना किसी से पूछे आईपीएल ने अपना पहले मैच का वेन्यू चेंज कर दिया। क्या इसमें भी साजिश है नहीं। ये दिमाग है, दूरदर्शिता है।

तो क्यों वो खिलाड़ी इन सब कारणों को जानते हुए भारत में अपनी बेइज्जती करवाने आए? क्यों उन्होंने और पीसीबी ने एक बार भी नहीं सोचा कि ऐसा हो सकता है पर शायद मुझे लगता है कि उनकी बेइज्जती नहीं हुई उन्हें तो बख्स दिया गया वर्ना उन्हें तो इस से भी ज्यादा जल्लात सहनी पड़ती।

अंत में मेरी राय तो ये है कि जब तक संवाद ठीक नहीं हो जाते तब तक पाकिस्तानियों को भारत में आने से पहले सोचना चाहिए क्योंकि यहां पर कुछ भी उनके साथ घट सकता है और हो सके तो अभी नहीं आए तो बेहतर।

आपका अपना
नीतीश राज

3 comments:

  1. कैसे कोई भी फ्रेन्चाइजी ओनर उसी ट्राइडेंट होटल में बैठकर उन्हीं पाकिस्तानियों की बोली लगाता जिसके देश से आए लोगों ने इसी होटल को कुछ समय पहले कब्रगाह बना दिया था। ये छोटी सी बात पाकिस्तानियों की मोटी बुद्धि(जो कि उनके पास नहीं है) में अब आ जनि चाहिए |

    ReplyDelete
  2. बेचारे क्या करें, सोच की भी सीमा है.

    ReplyDelete
  3. बहुत ही नेक सलाह है!
    हम तो चाहते हैं कि वो कभी भारत देश में न आयें।
    क्योंकि उनकी मानसिकता ठीक नही है!

    ReplyDelete

पोस्ट पर आप अपनी राय रख सकते हैं बसर्ते कि उसकी भाषा से किसी को दिक्कत ना हो। आपकी राय अनमोल है, उन शब्दों की तरह जिनका कोईं भी मोल नहीं।

“जब भी बोलो, सोच कर बोलो,
मुद्दतों सोचो, मुख्तसर बोलो”