तेरे ख्याल में जी रहा हूं इस कदर,
तेरी याद ही काफी है अपनाने के लिए।
तेरी नराजगी ही काफी है,
मुझे तड़पाने के लिए।
तेरी उखड़ी हुई एक बात ही काफी है,
मुझे अंदर से हिलाने के लिए।
तेरी आंख से छलकता एक आंसू,
काफी है मुझे रुलाने के लिए।
मुझे अंदर से हिलाने के लिए।
तेरी आंख से छलकता एक आंसू,
काफी है मुझे रुलाने के लिए।
तेरी एक मुस्कुराहट ही काफी है,
मेरे दिन को बनाने के लिए।
इसी उम्मीद पर जी रहा हूं,
तेरी जिन्दगी का,
एक पल काफी है
मुझे, मुझसे मिलाने के लिए।।
मेरे दिन को बनाने के लिए।
इसी उम्मीद पर जी रहा हूं,
तेरी जिन्दगी का,
एक पल काफी है
मुझे, मुझसे मिलाने के लिए।।
आपका अपना,
नीतीश राज
bahut sunder rachna
ReplyDeleteमनोभावों को बहुत सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया।
ReplyDeletebhut badhiya. likhate rhe. sundar bhav ke sath sundar rachana.
ReplyDeleteBadhiya.
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