"MY DREAMS" मेरे सपने मेरे अपने हैं, इनका कोई मोल है या नहीं, नहीं जानता, लेकिन इनकी अहमियत को सलाम करने वाले हर दिल में मेरी ही सांस बसती है..मेरे सपनों को समझने वाले वो, मेरे अपने हैं..वो सपने भी तो, मेरे अपने ही हैं...
Tuesday, February 24, 2009
रहमान, गुलजार, रेसुल की जय हो...जय हो...
जय हो, जय हो, जय हो....। जी हां, आज इस गाने की गूंज ने ऑस्कर में धूम मचाई। देश को गर्व हो रहा है कि आज हमारे भारत के संगीत का परचम उस जगह भी गूंजा जहां पर हमेशा से फिल्म इंडस्ट्री चाहती थी कि ऐसा हो। पहले गोल्डन ग्लोब फिर बाफ्टा में सर्वश्रेष्ठ बनने के बाद अब बारी थी ऑस्कर की। और हुआ भी कुछ ऐसा ही। ऑस्कर में 9 कैटेगरी में 10 नॉमिनेशन, जिसमें से 8 में ऑस्कर अवॉर्ड। रहमान ने भारत के लिए पूरा कर दिया सपना। वो सपना जिसे पता नहीं कितने फिल्मकारों ने देखा, कितनों ने पूरा करने की कोशिश की। ४४ साल के अल्लाह रख्खा रहमान की चर्चा तो १९८० के दशक में बॉम्बे डाइंग के लिए बनाए गए जिंगल से ही शुरू हो गई थी। फिर १९९२ में मणिरत्नम की रोजा में दिए संगीत से भी उनकी पहचान बनी और उन्हें नेशनल अवॉर्ड भी मिला। रंगीला, दिल से, बॉम्बे, जींस, ताल, लगान, साथिया, रंग दे बसंती, स्वदेश, गुरु फिल्मों में अपना संगीत दिया। २००० में ही रहमान को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। अभी तक स्लमडॉग मिलेनेयर के लिए ए आर रहमान को ११ अंतर्राष्ट्रीय अवॉर्ड मिल चुके हैं। ए आर रहमान ने इतिहास रच दिया है।
ऑस्कर में स्लमडॉग की धूम रही----
बेस्ट फिल्म – स्लमडॉग मिलेनयर- क्रिसचन कॉल्सन(पहली बार नॉमिनेशन) बेस्ट डायरेक्टर-डैनी बॉयल
बेस्ट म्यूजिक सॉन्ग- संगीतकार-ए आर रहमान, गीतकार-गुलजार(जय हो..)
बेस्ट ओरिजनल स्कोर-ए आर रहमान(तीन नॉमिनेशन)
बेस्ट साउंड मिक्सिंग-रेसुल पोकुट्टी, रिचर्ड प्रायके, इयान टेप (पहली बार नॉमिनेशन)
बेस्ट एडिटिंग- क्रिस डिकेंस (पहली बार नॉमिनेशन)
बेस्ट सिनेमैटोग्राफी-एंथनी डॉड मेंटल (पहली बार नॉमिनेशन)
बेस्ट (राइटिंग)एडैप्टेड स्क्रीनप्ले-साइमन ब्यूफॉय(साइमन का ये दूसरा नॉमिनेशन था। इससे पहले 1997 में द फुल मॉन्टी के लिए)
स्लमडॉग मिलेनेयर को सिर्फ साउंड एडिटिंग में अवॉर्ड नहीं मिला। सिर्फ एक ये कैटेगरी थी जिसमें कि नामांकित होने के बाद अवॉर्ड नहीं मिला।
बेस्ट शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री के लिए ‘स्माइल पिंकी’ को ऑस्कर मिला। इस डॉक्यूमेंट्री को भारत के राज्य उत्तरप्रदेश के वाराणसी शहर में शूट किया गया था। ये एक ऐसी लड़की की कहानी है जिसकी जिंदगी एक छोटे से ऑपरेशन के कारण खुशहाल हो जाती है और इस फिल्म की डायरेक्टर ने भी एक सुखद अंत को ही अवॉर्ड का हकदार माना है।
एक लड़की पिंकी जो कि हंसना चाहती है लेकिन उसका होठ कटा हुआ है वो हंसने में असमर्थ है। उस पिंकी की लड़ाई एक सामाजिक संस्था ने लड़ी हक दिलाने की लड़ाई। मेगन माइलन ने जब ये अवॉर्ड लिया तो कहा कि स्माइल पिंकी। ये अवॉर्ड डॉ सुबोध के लिए भी जिन्होंने बिना कोई फीस लिए पिंकी का ऑपरेशन किया।
इस बार ऑस्कर में और क्या रहा खास--
बेस्ट एक्टर मेल 2008-शियान पेन, फिल्म मिल्क के लिए ऑस्कर, ५वीं बार नामांकित, सबसे पहली बार 1995 में डेड मैन वॉकिंग के लिए नामांकित।
बेस्ट एक्टर फिमेल 2008- केट विंस्लेट, फिल्म द रीडर के लिए ऑस्कर, छठी बार नामांकित, सबसे पहली बार 1995 में सेन्स एंड सेनसिबिलिटी के लिए स्पोर्टिंग रोल के लिए नामांकित।
वैसे जो भी हो स्लमडॉग मिलेनेयर एक भारतीय मूवी ही है। अगली कोशिश तो ये होगी की भारत में भारतीय निर्माता-निर्देशक की मूवी को जल्द ही ऑस्कर मिले। भारत में ऐसी मूवी बन सकती हैं पर तब सोच सिर्फ पैसे कमाने की ना होकर लक्ष्य ऑस्कर हो।
आपका अपना
नीतीश राज
फोटो साभार-ऑस्कर
Labels:
A R rehman,
actor,
katewinslet,
movie,
oscar,
sean penn,
slumdogmillionare,
smilepinki,
song,
अवॉर्ड,
ऑस्कर,
स्लमडॉग मिलेनेयर
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
“जब भी बोलो, सोच कर बोलो,
मुद्दतों सोचो, मुख्तसर बोलो”
बहुत बधाई जी. और लाजवाब वि्श्लेषण है आपका.
ReplyDeleteरामराम.
हमें आस्कर मिलने की खुशी से खुश रहना चाहिए....बाकी बातें बाद में।
ReplyDeleteजय हो।
ReplyDeleteजय जय हो गई आख़िर
ReplyDeleteसुंदर विश्लेषण , जय हो !
ReplyDeleteआप का धन्यवाद
ReplyDelete