29 सितंबर के बाद से कुछ यूं व्यस्त हुआ कि ब्लॉग पर तब से वापसी संभव ही नहीं हो सकी। काफी दिन से सोच रहा था कि कुछ लिखूं पर लिख नहीं पा रहा था, ना जाने क्यों? सोचता था कि काफी बातें हैं जहन में जिनका वक्ता आ चुका है बिखर कर छप जाने का। तो, चलो वापसी की जाए और फिर से ये संवाद शुरू किया जाए।
आज के दिन से बेहतर और कोई दिन वापसी के लिए लगा नहीं या यूं कहूं कि हो नहीं सका। तो, नए साल के अवसर पर ब्लॉगजगत में वापसी कर रहा हूं। पूरे तीन महीने एक दिन के अंतराल के बाद। ठहर क्यों गया था वहां पर या क्यों नहीं लिखा, कुछ इस बारे में ठीक से नहीं कह सकता। व्यस्त था पर कुछ और भी था मन में जो रोकता रहा हाथों को, ये जानता हूं मैं। अब वक्त है जाते हुए साल के साथ-साथ पुरानी बातों को छोड़कर नए साल के साथ कदम से कदम मिलाया जाए। ये ही बेहतर है और ये ही मैं कर रहा हूं।
नव वर्ष के मौके पर सभी को मेरी तरफ से हार्दिक बधाई।
आपका अपना
नीतीश राज