जब ये सीरीजी शुरू हुई तो सबसे पहले मैंने इस बात पर ही जोर दिया था कि क्या सचिन पूरा कर सकोगे अपने चाहने वालों के अरमान? थोड़ी-थोड़ी उम्मीद थी और थोड़ी-थोड़ी नहीं भी। पर सचिन एक महान बल्लेबाज की तरह पूरे मैच में खेले और उस अधूरे काम को पूरा कर दिया जिसे वो बहुत पहले से करना चाहते थे। न्यूजीलैंड में शतक मारने के सपने को सचिन ने सच कर दिखाया। वैसे भारत ने अपनी पारी में मारे 18 छक्के जो कि किसी भी पारी में मारे गए छक्कों के बराबर है।
न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर की फील्डिंग।
क्राइस्टचर्च में भारत ने अभी तक ५ वन डे खेले थे और एक भी नहीं जीता था। 6ठे वन डे में भारत क्राइस्टचर्च में जीत की दरकार के साथ फील्ड पर उतरा। डेनियल विटोरी की पत्नी प्रेग्नेंट हैं तो विटोरी अपनी पत्नी के पास रहे पर मैच में बीच-बीच में दिखते रहे। इस लिए आज मैच की कप्तानी पहली बार मैक्कुलम ने की और टॉस जीतकर विटोरी के ना होने पर पहले फील्डिंग चुनी। पर मैक्कुलम को क्या पता था कि उनकी कप्तानी में रिकॉर्ड बनने वाला है न्यूजीलैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ सबसे ज्यादा रन। शुरुआत में लगा कि मैक्कुलम का ये फैसला टीम के लिए सही साबित हुआ जब कि सहवाग महज 3 रन बनाकर एक सीधी गेंद को छोटी बाउंडरी से बाहर पहुंचाने के चक्कर में मिस कर गए और क्लीन बोल्ड हो गए। भारत ने अपना पहला विकेट 15 के स्कोर पर खो दिया। फिर गंभीर ने सचिन का साथ दिया और सचिन अपनी लय में खेल रहे थे। तभी गंभीर 15 के निजी स्कोर पर बटलर का शिकार बने। भारत के स्कोरबोर्ड पर 13 ओवर में 65 रन हो चुके थे पर 2 विकेट भी खो दिए थे।
सचिन-युवराज की जोड़ी ने क्राइस्टचर्च में मचाया कोहराम।
युवराज आते के साथ ही सचिन के साथ टीम का स्कोर आगे बढ़ाने में लगे। तीसरे विकेट के लिए दोनों के बीच 132 रन की पार्टनरशिप हुई। इसमें युवराज ने 60 गेंदों में 87 रने बनाए। जिसमें 10 जानदार चौके और 6 शानदार छक्के शामिल थे। इस से आप हिसाब लगा सकते हैं कि युवराज ने चौके-छक्के से ही 76 रन बनाए सिर्फ 11 रन दौड़कर लिए। इस बीच सचिन युवराज का साथ देते रहे और स्ट्राइक ज्यादा से ज्यादा युवी को देते रहे और दर्शक सचिन के कलात्मक खेल का लुत्फ लेते रहे। भारत का स्कोर तब 203 था जब 145 की स्ट्राइक रेट से बैटिंग कर रहे युवराज 30 ओवर में एलियट की दूसरी गेंद का शिकार बने, सिर्फ 13 रन से शतक से चूके पर सबको बता दिया कि फॉर्म में आ चुका हूं।
सचिन रिटायर्ड हर्ट।
युवराज के बाद कप्तान धोनी 5वें नंबर पर बैटिंग करने उतरे। युवराज के जाने के बाद ऐसा लग रहा था जैसे सचिन ने युवराज की जगह ले ली है और भारत के स्कोर को तेजी से बढ़ाने लगे। सचिन ने मैदान के हर कोने में स्ट्रोक खेले। पर कप्तान और सचिन के बीच की साझेदारी 135 रन की ही हो सकी। लेकिन इस बीच सचिन काफी देर से एक दिक्कत से गुजर रहे थे। सचिन के पेट की मसल खिंच चुकी थी जिसे की वो काफी देर से दबा कर खेल रहे थे। पर अब बात बढ़ चुकी थी। सचिन दोहरे शतक से सिर्फ 37 रन दूर थे तब वो मैदान से बाहर आगए।
सचिन की इस पारी के लिए न्यूजीलैंड के कप्तान मैक्कुलम ने कहा कि, 'मैंने ऐसी पारी काफी कम देखी हैं। हर शॉट उनके बल्ले के मिडल से गया।' इस शानदार पारी के लिए सचिन को मैन ऑफ द मैच मिला।
रैना बने रनमशीन।
18 गेंदें, 38 रन, 5 छक्के। ये था रैना का आंकड़। इस पूरी सीरीज में रैना ने कमाल की बैटिंग की है। पहले वन डे में भी रैना ने 5 चौके और 4 छक्के लगाए थे। जब भारत का स्कोर 382 पहुंचा तो धोनी 5 चौके और 2 छक्कों की मदद से 68 रन पर मिल्स की गेंद का शिकार बने। लेकिन तब तक भारत की तरफ से क्राइस्टचर्च के पांच नायक काम कर चुके थे। भारत ने न्यूजीलैंड के सामने रखा 393 का लक्ष्य। ये न्यूजीलैंड में किसी भी टीम का सर्वाधिक स्कोर था।
भारत को मिली कड़ी टक्कर।
राइडर और इस मैच के लिए कप्तान बने मैक्कुलम ने बताया कि वो भी दम रखते हैं। राइडर ने शुरू से समझदारी से बैटिंग की और साथ ही मैक्कुलम को जब भी कहीं रन लेने का मौका मिला वहां पर उन्होंने रन चुराया। शुरूआत में भारत की फिल्डिंग अप टू डेट नहीं थी और कई बार मिस फिल्डिंग हुई और इस का फायदा न्यूजीलैंड के ओपनरों ने खूब उठाया। पूरा ओवर ठीक पड़ता लेकिन दो गेंद गलत हुई नहीं कि जितने की दरकार थी उनको वो रन निकालते। दोनों ओपनर गेंदबाजों के पास उन दोनों बल्लेबाजों का तोड़ नहीं मिल रहा था। गेंदबाजों को बदला गया लेकिन फिर भी कोई भी फायदा नहीं हुआ और न्यूजीलैंड ने 50 फिर 100 और फिर 150 रन बिना विकेट खोए बना लिए। फिर एक छोटी सी चूक और रैना की फुर्ती ने मैक्कुलम को रन आउट कर दिया और यहां से गेम पलट गया। मैक्कुलम ने 71 रन बनाए जिसमें 6 चौके और 3 छक्के शामिल थे। पहला विकेट 166, दूसरा 179, तीसरा 182, चौथा 188, पांचवां 203, छठा विकेट 217, सांतवा 218 यानी कि इस से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिर्फ 52 रन के अंदर 7 खिलाड़ी न्यूजीलैंड ने खो दिए। बाकि तो कुछ नहीं कर पाए लेकिन राइडर को भज्जी ने आउट किया जब कि राइडर 105 पर खेल रहे थे जिसमें 12 चौके और 4 छक्के लगाए थे।
आंठवें विकेट के लिए 83 रन की साझेदारी ने भारत के लिए एक बार तो मुश्किल खड़ी कर दी थी। लग ये रहा था कि कभी भी ये मैच भारत के हाथ से निकल सकता है। यहां पर विटोरी की कमी न्यूजीलैंड को और भारत को ईशांत शर्मा की कमी खली। सबसे ज्यादा खेल के लिहाज से गलत ये हुआ कि जब भारतीय टीम को विकेट नहीं मिल रहे थे तब मुनाफ पटेल ने दो लगातार बीमर डाल दी जिसके कारण अंपायर ने उन्हें बॉल करने से मना कर दिया। पर फिर एक विकेट यूसुफ और दूसरा विकेट प्रवीण कुमार ने लेकर न्यूजीलैंड की टीम की पारी समाप्त कर दी।
कुछ दिलचस्प जानकारी
इस मैच की दोनों पारियों में 726 रन बने जो कि दूसरा एक मैच में सबसे ज्यादा स्कोर रहा। सचिन को 58वीं बार मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला जो कि सबसे ज्यादा है। दोनों पारियों में लगे 31 छक्के जो कि अपने में एक रिकॉर्ड है। भारत ने लगाए एक पारी में 18 छक्के जो कि रिकॉर्ड की बराबरी है।
पर कुछ भी हो सचिन ने अपने चाहने वालों का अरमान पूरा तो कर ही दिया।
आपका अपना
नीतीश राज
"MY DREAMS" मेरे सपने मेरे अपने हैं, इनका कोई मोल है या नहीं, नहीं जानता, लेकिन इनकी अहमियत को सलाम करने वाले हर दिल में मेरी ही सांस बसती है..मेरे सपनों को समझने वाले वो, मेरे अपने हैं..वो सपने भी तो, मेरे अपने ही हैं...
आप को बधाई.
ReplyDeleteसाथ मे होली की भी बधाई
धन्यवाद
बधाई.
ReplyDeleteसमयचक्र: रंगीन चिठ्ठी चर्चा : सिर्फ होली के सन्दर्भ में तरह तरह की रंगीन गुलाल से भरपूर चिठ्ठे