Monday, March 2, 2009

सचिन,अपने चाहने वालों के अरमानों को पूरा कर पाओगे?

सचिन तेंदुलकर के दीवाने न्यूजीलैंड में भी हैं। 2002-03 के बाद से न्यूजीलैंड में उनके दीवाने अब उनको खेलते हुए देख पाएंगे इसलिए उत्सुक्ता और बढ़ गई है। पिछला दौरा ना ही सचिन और ना ही भारत टीम के लिए अच्छा रहा था। 2002-03 में 7 वन डे भारत-न्यूजीलैंड के बीच खेले गए और भारत ने वो सीरीज 5-2 से गंवाई थी। 2003 वर्ल्ड कप से ठीक पहले की ये सीरीज थी। पर इस बार सचिन के ऊपर जो जिम्मेदारी है वो बहुत बड़ी है। पिछली सीरीज की नाकामयाबी का दाग धोना है जिसमें सचिन ने 3 वन डे में सिर्फ 0, 1, 1 रन बनाए थे। अभी तक यदि देखें तो सचिन ने न्यूजीलैंड में 15 वन डे खेले हैं और 27 की औसत से 408 रन का ही योगदान देने में कामयाब हो सके हैं। न्यूजीलैंड में सचिन ने वन डे में शतक नहीं जमाया है, तो इस बार सचिन को ये कीर्तिमान अपने नाम करना ही होगा। साथ ही टेस्ट में भारत 1967 के बाद से अब तक न्यूजीलैंड में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया है। तो भारतीय टीम के सबसे सीनियर और बुजुर्ग खिलाड़ी से ये उम्मीद की जा रही है कि इसके बाद तो मौका मिलने नहीं जा रहा है, हो सके तो इस टूर में न्यूजीलैंड में अपने सारे सपने पूरे कर डालें और टीम के भी।

सचिन को लोग क्रिकेट का खुदा मानते हैं। सचिन से सब को बहुत उम्मीदें होती हैं और चाहे कोई कुछ भी कहे लेकिन सचिन को खेलते देखना अपने में एक अलग रोमांच भर देता है। यहां तक की गेंदबाज जो कि सचिन को गेंद डालता है वो भी रोमांचित हुए नहीं रह पाता। हर एक गेंदबाज का सपना होता है अपने करियर में सचिन को एक बार आउट करना। पर सवाल ये उठता है कि क्या क्रिकेट में सचिन का कद इतना बड़ा हो चुका है कि सचिन अपने चाहने वालों के अरमान को पूरा कर सकें? न्यूजीलैंड में न्यूजीलैंड की टीम के खिलाफ वन डे में शतक का अरमान? एक अच्छी ईनिंग का अरमान?
न्यूजीलैंड में सचिन के आंकड़े सचिन के बढ़ते कद को ठेंगा दिखाते हुए उनकी वहां पर नाकामयाबी की चुगली करते हैं। न्यूजीलैंड में सचिन 15 मैचों में 3 बार शून्य पर आउट हुए हैं, 3 बार तो 10 का आंकड़ा भी नहीं छू सके। सिर्फ 3 हाफ सेंचुरी और यदि देखें तो 1994 से लेकर अब तक सचिन के बल्ले को तलाश है एक हाफ सेंचुरी की। न्यूजीलैंड में अभी सचिन के बल्ले की प्यास शतक को लेकर नहीं बुझी है। तो क्या ये आंकड़े महान बल्लेबाज से सवाल नहीं करते कि क्या सचिन अपने चाहने वालों के अरमान को पूरा कर पाएंगे? श्रीलंका में तीन बार अंपायर की गलती तो सारी दुनिया मान रही थी पर क्या सचिन के रिफ्लेक्सिस ज्यादा धीरे नहीं हो गए जिसके कारण ना चाहते हुए भी सचिन के बल्ले की बजाय हर बार बॉल पेड पर लग जा रही थी।

माना जा रहा है कि भारत कि इस समय की टीम पहले की सभी टीमों से बेहतर है तो साबित करना होगा इस टीम को कि ये टीम सर्वश्रेष्ठ है। 1967 के बाद यदि ये करिश्मा कोई टीम कर सकती है तो वो ये ही टीम होगी। लेकिन पहले वन डे में 2003का बदला उतारना है फिर टेस्ट की बात करेंगे।
नेपियर में अब तक सचिन तीन बार खेलने उतरे हैं और दो बार दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी की है। फरवरी 1995 में दूसरे मैच में 15 गेंदों पर 13 रन और तीसरे मैच जनवरी 1999 में 23 रन 19 गेंदों पर बनाए थे, जिसमें 4 चौके शामिल थे। दुआ है कि इस बार सचिन नेपियर में कामयाबी की ऊंचाइयों को छू लें।

बेस्ट ऑफ लक टीम इंडिया और बेस्ट ऑफ लक मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर।

आपका अपना
नीतीश राज

3 comments:

  1. हमारी तरफ से भी टीम इंडिया और सचिन को शुभकामनाऐं.

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  2. जब भी सचिन मैदान में होते हैं, आशाएं अपने चरम पर होती हैं। उनका मैदान में होना ही सामने वाले को हतोत्साहित कर देता है।

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  3. भाई हमे तो इस बारे कुछ नही पता,
    धन्यवाद जानकारीके लिये.

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