कल पूरा दिन बहुत उतार-चढाव के साथ बीता। पूरे दिन में सिर्फ एक बार, ऐसा वक्त आया जब एक सवाल ने कुछ राहत दी या यूं कहूं कि खुश किया। मेरे जाननेवाले और अधिकतर मेरे दोस्त जब भी कहीं फंसते हैं खासकर खेल के मामले में तो मुझ से पूछ ही लेते हैं।
शाम मेरे एक मित्र का फोन आया, हाल-चाल जानने के बाद सीधे उसने काम का सवाल दाग दिया। यार, एक बात बता, आज भारत का भी मैच है? मैंने भी चुटकी ली, क्या मियां, सटिया गए हो, जो कि फीफा में भारत की बात कर रहे हो?
अरे नहीं यार, टी-20 मैच है आज भारत का?
दिल को बहुत खुशी हुई। मेरा वो दोस्त और उसकी क्रिकेट मंडली दीवानी है क्रिकेट की। अब सोचो की क्रिकेट के दीवानों को ही नहीं पता कि टी-20 में भारत का मुकाबला है। जिन्हें खाना याद नहीं रहा करता था उन्हें अब क्रिकेट याद नहीं था। मैंने उनको स्कोर बताया और ’गुड न्यूज’ दी, भारत 6 विकेट से जिंबाब्वे से जीत गया। उन्होंने बताया कि वो उस समय पब में बैठकर अर्जेंटीना का मैच देखने की तैयारी कर रहे थे। तो उन पर चढ़ा था फुटबॉल फीवर।
अर्जेंटीना ने निराश किया।
सबसे ज्यादा इंतजार था अर्जेंटीना के पहल मैच का पर अर्जेंटीना ने मैच तो जीता मगर दिल नहीं। एक मात्र गोल हैंज ने किया जो कि डिफेंडर के रूप में खेलते हैं। मैसी ने कई मूव बनाए पर उससे ज्यादा उसने गंवाए। मैसी पूरी तरह अपने लिए ही खेलते नजर आए। एक शख्स जिसकी लोकप्रियता इतनी ज्यादा हो तो उससे वैसी ही परफॉर्मेंस की उम्मीद दुनिया करती है। पर कल दो-तीन बार तो ऐसे मौके मैसी ने गंवाए गर कोई और खिलाड़ी होता तो वो शायद गोल कर देता। साथ ही तारीफ करनी होगी नाइजीरियन गोलकीपर की। जितनी बार मैसी गोलपोस्ट तक पहुंचे हर वार को उसने विफल कर दिया। अब आगे देखना होगा कि अर्जेंटीना आगे कैसा खेलती है।
वहीं दूसरी तरफ अमेरिका के खिलाफ इंग्लैंड ने भी निराश किया। यूएसए ने इंग्लैंड को बराबरी पर रोक दिया। जहां नाइजीरिया के गोलकीपर ने कमाल किया वहीं यहां पर इंग्लैंड के गोलकीपर ने हाथ में आती गेंद को गोलपोस्ट में फेंक दिया। वैसे, इंग्लैंड और अर्जेंटीना को साफ समझ लेना चाहिए कि ये राह आसान नहीं है।
आपका अपना
नीतीश राज