ये देखिए चल गए ना फिर से सचिन तेंदुलकर। कल ही तो मैंने लिखा था जब हर जगह ये ही बात होने लगी थी कि पता नहीं सचिन को क्या होगया है। मैंने साफ लिखा था कि भई कई बार ऐसा होता है कि हां कोई दो-चार मैच परफोर्म नहीं कर पाता पर इसका ये मतलब नहीं है कि दाना-पानी लेकर ही पीछे लग जाओ।
किंग्स इलेवन ने दूसरी भिड़ंत में भी 119 रन ही बनाए और जीत के लिए 120 की चुनौती मुंबई इंडियंस के सामने रखी। और मैच में टॉस हारने के बावजूद सचिन ने कप्तानी का सही रुख दिखाते हुए तीसरे ओवर से ही गेंदबाजों को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। फिर भज्जी को गेंद पकड़ाई और भज्जी ने कमाल ही कर दिया। सबसे खतरनाक खिलाड़ी संगकारा को आउट कर दिया। साथी ही ड्यूमनी को भी सचिन ने मौका दिया। ड्यूमनी ने भी युवराज को आउट कराके मुंबई की कमर ही तोड़ दी। सचिन ने फील्डिंग में भी कमाल दिखाया और सोहल जो कि खतरनाक बन रहा था उसे रन आउट किया।
जब बल्लेबाजी की बात आई तो सचिन ने गजब का आत्मविश्वास दिखाते हुए ब्रावो से ओपन करवाया और साथ ही जयसूर्या के आउट होने के बाद पिछले मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले राहणे को मैदान में उतारा। फिर रहाणे के आउट होने के बाद खुद मैदान में आए। चाहते तो ड्यूमनी को भेजा जा सकता था पर नहीं। अपनी परर्फोरमेंस को सुधारने का जज्बा लेकर सचिन मैदान में उतरे और 40 से 122 तक टीम को पहुंचाया। साथ ही ब्रावो का उत्साहवर्धन भी करते रहते। जहां ब्रावो ने श्रीशांत को छक्के मारे वहीं घातक बनते हुए पीयूष चावला को सचिन ने भी शानदार छक्का जड़ा।
माना कि अभी आईपीएल का सफर बहुत बाकी है और सचिन को हमेशा से ही बार-बार अपने आप को साबित करते रहना पड़ेगा खासकर टीम के लिए। वैसे पूरी दुनिया में कोई भी सचिन से साबित करने की बात तो कहने नहीं जा रहा। पर ट्वेंटी-20 में जैसी कप्तानी और परफोर्मेंस एक खिलाड़ी से चाहिए वहां पर अभी सचिन पूरा नहीं दे पा रहे हैं।
आपका अपना
नीतीश राज
"MY DREAMS" मेरे सपने मेरे अपने हैं, इनका कोई मोल है या नहीं, नहीं जानता, लेकिन इनकी अहमियत को सलाम करने वाले हर दिल में मेरी ही सांस बसती है..मेरे सपनों को समझने वाले वो, मेरे अपने हैं..वो सपने भी तो, मेरे अपने ही हैं...
सचिन तो सचिन है.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया जानकारी दी है . वैसे कल की पारी में सचिन धाँसू अंदाज में नजर आ रहे थे.
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