Friday, August 14, 2009

रात की काली चादर, वो घुप अंधेरा और वो कमरा और उसमें टिमटिमाती बत्तियां-2

अब उससे आगे...
मुझे रास्ता पता नहीं था तो मैं अपने उस दोस्त की कार के पीछे लग लिया जिसने पब का आइडिया दिया था। वो शूमाकर का भाई था पिछले जन्म में शायद, इतनी तेज गाड़ी मैंने कभी नहीं चलाई। जिमखाना से हम साकेत करीब १० मिनट के अंतराल में ही पहुंच गए। पर हमारे बाकी साथी १०-१५ मिनट बाद पहुंचे। हमने गाड़ी लगाई और हमारी नजर वहां रास्ते पर मौजूद पुलिस के दस्ते पर पड़ी जिन्होंने पब के ठीक २० मीटर की दूरी पर ही बैरियर लगा रखा था और वो चैक कर रहे थे कि कोई पी-कर तो ड्राइव नहीं कर रहा। अब सोचने वाली बात थी कि पब में से कोई सूफी तो निकलेगा नहीं पर चलो देखा जाएगा जब वापसी करेंगे।

हम सब साथ-साथ चल दिए पब की ओर। ऐसा लग रहा था कि सब हमें रास्ता देते जा रहे हैं जैसे कि कोई वीवीआईपी आ रहे हों। हम धड़ धड़ाते हुए ऊपर चढ़ने लगे। तभी नीचे ही खड़े चार बॉक्सरों ने हमें अंदर जाने से रोक दिया। हमने उसे आगे किया जिसने पब के मालिक से बात की थी उसने अपना रिफरेंस दिया और खबर वॉकी टॉकी के जरिए ऊपर तक पहुंचाई गई। करीब एक मिनट के अंतराल के बाद हमें ग्रीन सिग्नल मिल गया।

हमने जैसे ही ऊपर जाने के लिए सीढ़ी पर पैर रखा कि तभी लाइट चली गई, म्यूजिक बंद और इमरजैंसी लाइट ऑन और ऊपर भी ८-१० बॉक्सर। हमने फिर से उसी ग्रीन सिग्नल को आगे कर दिया। पर यहां पर एक बॉक्सर ने हमारे उस दोस्त को अपनी मंगेतर के साथ आगे बुलाया जिसकी सगाई हुई थी। वो आगे आया और फिर उसने हमें पीछे लाइन से ऐसे खड़ा किया जैसे कि एक साथ सभी गेट के अंदर चले जाएं।

दरवाजा खुला और एक स्पॉट लाइट हमारे दोस्त और उसकी मंगेतर के ऊपर पड़ी। टिमटिमाती लाइट के बीच खचाखच भरे उस कमरे में तालियों और कॉगरेट्स की आवाज़ गूंज गई। यहां हमने भी हाथ उठाकर तालियां बजाई अब लाइट हमारे ऊपर भी थोड़ी पड़ रही थी हम कमरे में दाखिल हो चुके थे और हमारे पीछे दरवाजा बंद और फिर कान फाड़ू म्यूजिक बजने लगा। वेलकम टू पब कल्चर।

हम पब में घुस चुके थे और म्यूजिक इतना तेज बज रहा था कि आंख से इशारा करके ही हम बात कर पा रहे थे। वो पब स्क्वेअर में बना हुआ था पर बीच में उन्होंने बार बना रखा था तो कुछ वो यू आकार का बन गया था। बार टेंडर्स ड्रिंक देने में लगे हुए थे और लोग थिरक रहे थे।

मैं पहली बार किसी पब में आया था तो मैं उत्सुक्ता वश सभी चीजें देख लेना चाहता था। मेरी नजर काफी बारिकी से एक-एक चीज को देख रही थी। कौन कितना पी रहा है और कौन वहां पर बने रहने के लिए सिर्फ दिखावा कर रहा है....कौन कैसे और कितना डांस कर रहा है....कौन थिरक रहा है और कौन हिल रहा है....कौन मटक रहा है....कौन पी कर टुल हो चुका है.... कौन किसको ताक रहा है....किसने क्या पहना है....कितने उम्र वाले हैं यहां पर और किस ग्रेड से उनका ताल्लुक हैं।
(क्रमश:)
आपका अपना
नीतीश राज

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