Tuesday, August 12, 2008

खेल खेल में मौत

चंडीगढ़ में कहीं खुशी मनाई जा रही थी तो कहीं पर गम पसर गया। अभिनव बिंद्रा को स्वर्ण पदक अभी मिल कर भी नहीं हटा था कि खेल खेल में ही 19 साल का मोहित ना जाने कहां खो गया। एक न्यूज चैनल पर वो तस्वीरें हिला देने वाली थी। देखने से ही लग रहा था कि भगवान कह रहा हो कि जा तुझे एक मौका और दिया लेकिन जवानी के जोश में वो आगे बढ़ता चला गया और ना जाने पानी में कहां खो गया। पानी का बहाव ही इतना तेज था कि उसे ढूंढने के सारे प्रयास विफल रहे।
चंडीगढ़ में 16 सेक्टर के रोज गार्डन में तीन दोस्त पिकनिक मनाने गए थे। तीनों ही हम उम्र थे और तीनों बारिश का लुत्फ लेना चाहते थे। लेकिन तभी एक हादसा हो गया। मोहित नाम का लड़का पता नहीं क्यों इतनी मस्ती में उतर आया कि उसको ये इल्म भी नहीं रहा कि पानी की रफ्तार उसकी सारी ताकत से कहीं ज्यादा है। उस पानी की रफ्तार में मस्ती करना उस को भारी पड़ गया। पहले तो वो वहां पर पानी के साथ खेल रहा था। पास में लगी लोहे की चैन को पकड़कर पानी की तेज धारा से लड़ते हुए अटखेलियां कर रहा था कि तभी उस के पैर पानी के बहाव को सहन नहीं कर पाए और उखड़ गए लेकिन चैन पर उस की पकड़ इतनी मजबूत थी कि वो सिर्फ झूल गया। इस बार तो वो बच गया। बचने के बाद उसने सब को हाथ हिलाया जैसे कह रहा हो कि मैं सुरक्षित हूं। मुझे लगता है कि ये ही एक अवसर था उसके पास जब कि भगवान ने उसे मौका दिया था कि अब भी वक्त है संभल जा। लेकिन वो नहीं संभला और फिर लोहे की उस चैन को पकड़कर पानी के बीचों बीच खड़ा होगया। पर इस बार उसके हाथों की पकड़ ने उस का साथ नहीं दिया। थोड़ी देर तक तो वो पानी के बहाव को सहन करता रहा। पानी का बहाव इतना तेज था कि वो वहां पर ही गिर गया। लेकिन जांबाजी दिखाने के चक्कर में कभी वो पानी में समा जाता तो कभी पानी के ऊपर आजाता। उसके दोस्तों ने जो कि इस बहाव से बाहर खड़े थे उसका खेल मान रहे थे। जब उसने अपने को बचाने के लिए हाथ उठाया और आवाज़ लगाई तो वो पानी की तेज आवाज में कही डूब गई। और तभी उसका एक हाथ उठा और फिर दूसरे हाथ की पकड़ लोहे की जंजीर से छूट गई और वो बहता हुआ जाने लगा। फिर उसने कोशिश की पेड़ की शाखा को पकड़ने की जो कि पानी के ऊपर लटक रही थी। उसने वो पकड़ी भी लेकिन पानी का बहाव ही इतना तेज था कि वो पकड़ कायम नहीं रह सकी और वो बहता हुआ पानी में डूब गया। ये पानी वहां के एक चौड़े नाले की तरफ जाता है। जहां पर पुलिस ने बचाव का काम जारी रखा लेकिन उसका कोई भी पता नहीं चल पाया।शायद तबतक बहुत देर होचुकी थी। पुलिस को उसके दोस्तों ने ही बुलाया जब कि वो उसे खोज पाने में नाकामयाब रहे।
इस जगह पर मैं एक बात बताना चाहूंगा कि ये तस्वीरें वहां पर मौजूद एक कैमरामैन ने खींची थी जो कि बारिश की कुछ तस्वीरें और साथ में बारिश में खेलते हुए लोगों के कटवेज लेने कि लिए उस रोज गार्डन में गया था। वो इस सब तस्वीरों को कैमरे में कैद कर रहा था और पास में खड़े एक शख्स की आवाज़ आ रही थी कि ये गिर जाएगा और ऐसा ही हुआ। शायद उस आदमी को भी नहीं पता होगा कि ऐसा भयानक हादसा हो जाएगा। साथ ही, मोहित जो डूब गया शायद ये स्टंट भी इसी चक्कर में करने चला गया कि कैमरे में उस की तस्वीरें कैद हो रही हैं। वो कैमरे की तरफ बार-बार देख कर हाथ भी हिला रहा था, पर अब वो तस्वीरें ही बची हैं जो कि एक कैमरे में कैद हैं, वो नहीं।

आपका अपना
नीतीश राज

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