चाहे कुछ हो जाए पर हम नहीं सुधरेंगे। शायद इसी राह पर चल रहे हैं राज ठाकरे के गुंडे। एमएनएस यानी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर जमकर गुंडागर्दी मचाई। एक डॉक्टर के नर्सिंग होम में घुसकर उन्होंने जमकर तोड़फोड़ की और डॉक्टर दंपत्ति को जमकर पीटा। इस बार जो एमएनएस के गुंडों के हत्थे चढ़े वो हैं मलाड के जीवन नर्सिंग होम के डॉक्टर रमेश रेलन और उनकी पत्नी सरीना रेलन। दोनों को जमकर पीटा गया और साथ ही उनके चेहरे पर कालिख बी पोती गई। वो डॉक्टर हाथ जोड़ जोड़ कर माफी की भीख मांगता रहा और वो उसे लिटा लिटा कर उस पर लात घूंसे बरसाते रहे। डॉक्टर रमेश रेलन तो चलो पुरुष हैं पर उनकी पत्नी को भी बुरी तरह पीटा गया। ऐसा लग रहा था कि आतंकवादी लोगों के हत्थे चढ़ चुके हैं और ये आज उनसे हर बात का बदला लेकर रहेंगे।
दरअसल मामला देखा जाए तो ये था कि एक महिला जिसका नाम ट्रीसा है उसने डॉक्टर पर आरोप लगाया कि डॉक्टर ने 9 महीने पहले उसका ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन तो सफल हुआ पर उस महिला के पेट में टॉवल छूट गया। जब महिला को पेट में कुछ तकलीफ हुई तो उसने इसकी शिकायत डॉक्टर रमेश से की लेकिन डॉक्टर ने उन्हें पेट की दवाई दे दी। लेकिन महिला की हालत में सुधार नहीं हुआ। फिर महिला ने दूसरे नर्सिंग होम में चैकअप कराया जहां पर इस बात का पता चला कि उसके पेट में टॉवल छूट गया है। उस महिला ने डॉक्टर से शिकायत की पर डॉक्टर ने टालमटोली शुरू कर दी। फिर क्या था महिला पुलिस के पास जाने के बजाय सीधे पहुंच गई आज के उभरते हुए गुंडों के पास यानी कि एमएनएस। एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने अपने ही ढ़ंग से उस महिला को इंसाफ दिलवाया। नर्सिंग होम के घुसकर डॉक्टर की जमकर धुनाई की और फिर वो ही पुरानी हरकत कालिख पोती।राज ठाकरे जानते हैं कि उनको किसी की राह पकड़नी है और मुंबई पर कब्जा कैसे करना है। साथ ही उसको किस का उत्तराधिकारी बनना है।
मलाड के डॉक्टर दंपत्ति ने जो काम किया वो सचमुच ऐसा था कि उनको हवालात में होना चाहिए था। मैं कोई उस डॉक्टर के पक्ष में नहीं हूं पर मैं इस बात का भी समर्थन नहीं करता कि कोई भी आदमी खुद जाकर इंसाफ करने लग जाए। वहशी और दरिंदों की भीड़ ने अब तक कई बार कई लोगों की जान ली है एमएनएस मुझे उस वहशी भीड़ से ज्यादा कुछ भी नहीं लगती। मेरा सवाल ये है कि क्या उस महिला को पुलिस के पास पहले नहीं जाना चाहिए था? क्या बिगाड़ा था डॉक्टर रमेश की पत्नी ने जो उस के साथ भी हाथापाई की गई साथ ही उसको इतना जलील किया गया? क्या इंसाफ पाने का ये ढ़ंग सही है? माना कि डॉक्टर रमेश को पुलिस के हवाले कर दो, अंदर बंद करवा दो पर क्या ये रवैया ठीक है? घसीट-घसीट कर किसी को मारना कहां तक उचित है? एक महिला के साथ ऐसा व्यवहार करना एमएनएस की कार्यकर्ताओं को वो भी महिला कार्यकर्ताओं को शोभा देता है? एक महिला दूसरी महिला को पुरुष की मदद से पीट रही है साथ ही कभी पुरुष भी महिला पर हाथ साफ करदेता है क्या ये सही है? क्यों बनी हुई है एक महिला ही दूसरी महिला की दुश्मन, आखिर क्यों?
लोग यदि अभी नहीं संभले तो एक दिन ये एमएनएस के कार्यकर्ता किसी और बात पर खुद उन्हीं के घर में घुसकर उनको मारेंगे जिन्होंने कभी उनसे मदद ली होगी, और वो भी किसी और की शिकायत पर, क्योंकि गुंडों की राजनीति में कोई भी भाई हमेशा भाई नहीं होता।
आपका अपना
नीतीश राज
Ghitya rajniti kar rahi hai.
ReplyDeleteगुंडो की राजनिति का कोई भी भाई हमेशा भाई नहीं होता- गांठ बांधने लायक वचन!!
ReplyDelete"bhut hee bindaas likhten hain aap"
ReplyDeleteRegards
आपने सही कहा-
ReplyDeleteगुंडों की राजनीति में कोई भी भाई हमेशा भाई नहीं होता।
आपने बहुत सही और सटीक लिखा है पर इन्होने तो ना सुधरने की
ReplyDeleteकसम खा रखी है ! ईश्वर इनको सदबुद्धि दे ! शायद चुनाव के बाद ये
ठीक हो जायेंगे , पर यूँ भी इनका उत्पात तो चालु ही रहता है !
well... India is one country - agreed. But India was made republic with formation of states- these states are based on language - thats why Maharashtra for marathi, Gujarath for gujarathi and Tamilnadu for tamil.
ReplyDeleteSo when Raj Thakare or any maharashtrian ask for speaking Marathi in Maharashtra - why you people get so mad about it.
Now you people will argue that any indian can go anywhere and work - agreed !! But first ask yourself - why you need to leave your own state - why UP & Bihar people are so egar to go out of these states and come in maharashtra, why dont you ask this question to yourself in whole discussion? Now second part when its mumbai or any other city in maharashtra - first right to get job is for locals. This is rule - 80% jobs are to be given to locals, but when its not getting followed due to lobbing, money and corruption, what action you expect ?? Satyagraha like Gandhijee? well Satygraha is gr8 tool against educated people - but not against uneducated n uncivilised people coming to Mumabi.
Now about Mumbai-kiske baap kee!!
When you built home - dont you put your nameplate on door. Why ?? coz you live there. Now since Marathi people live in mumbai & maharashtra - it belongs to locals !!
Now at the end - you should atleast think - why there is so much anger against only UP and Bihar public ?? - You will simply answer that its Rajniti - ghatiya rajniti - well even if Rajniti - rajaniti is always motivated and supported by some issue (this is common sense) - so what was the issue against UP & Bihar - and was not against anyother community.
Now you should look at the facts - UP & Bihar - facing problem of crime and corruption. when people come from these states to other states - they also bring same crime and corruption with them. Thats where locals start finding it difficult to adjust with them, & This give reasons and facts for Rajniti. Also why you just blame Raj Thakare - same thing is happening in ASSAM - where up n bihar people are killed.
Now when Amitabh - being great icon - also defines himself as "Chora ganga kinare walla" now if he is so much proud about his UP,- then whats wrong if Raj Thakare or any maharashtrian shows pride in being Mumbaikar or Maharastrian or Marathi.
Now as usual you people will comment - Bhasha jodne ka kaam karti hai, todane ka nahi - agreed - all maharashtrians can speak Hindi - now if all people from UP/Bihar or anyother state- coming and staying in Maharashtra & Mumbai - can they speak Marathi.
Now bhaasha and jodane ka kaam - this will be just 1 sided effort, and it wont work if its not both sided.
Now Raj thakare and gunda - well people need to be told in same manner what they understand - UP/Bihar which is highest on crime rate - they will only understand same language of gundagardi, raj is still very patient - who tells first then act. Ofcourse as I said earlier Satyagraha wont work here.
now final - Hum nahi Sudharenge - well you people should first do Sudhar in condition of UP and Bihar - then you will have moral right to tell others.
Hope you have courage to keep this message flashing in your comments!!
Jai Maharashtra !!