क्या फिर हमने गाड़े हैं झंडे। नहीं, इस बार हम 13 पायदान और गिरकर और भ्रष्टाचारी देश हो गए हैं। भारत में भ्रष्टाचार का इंडेक्स कुछ ज्यादा ही बढ़ता जा रहा है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ताज़ा रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग पिछले साल के मुकाबले और नीचे चली गई है। यानी की हम और करपट देशों में शुमार होने लगे हैं। एजेंसी ने दुनिभाभर के 180 देशों की सूची में भारत को भ्रष्टाचार के मामले में 85वें नंबर पर ऱखा है। पिछले साल भारत की रैंकिंग 72 वें स्थान पर थी। बड़े ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हम और गिर गए हैं।
हमारी इस दशा का जिम्मेदार कौन? यदि ये सवाल उठाया जाए तो हाल फिलहाल में संसद कांड याद आता है जिसे पूरी दुनिया में देखा गया था। जिसका नतीजा एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए सर्वे में सामने आया कि दुनिया में भारत भ्रष्टाचार के मामले में भारत की छवि और नीच गिर गई है। इस सर्वे को जिन बातों में ध्यान में रख कर किया गया वो राजनीतिक और सार्वजनिक सेवाओं में फैले भ्रष्टाचार हैं। वैसे रिपोर्ट में किसी खास डिपार्टमेंट का जिक्र नहीं किया गया है पर दुनियाभर के साथ भारत में भी भ्रष्टाचार के मामले में पुलिस विभाग ने अव्वल आकर झंडे गाड़े हैं।
अब सोचने की बात तो ये है कि क्या अगले साल हम कहीं और तो नहीं गिर जाएंगे?
आपका अपना
नीतीश राज
बड़ा बबाल है जी!
ReplyDeletecorrupt...coppter..corrupest.....
ReplyDeleteअभी भी सीढ़ी बाकी है....
coppter को corrupter पढ़ें.. :) spelling ही corrupt हो गई.
ReplyDeleteअफ़सोस की बात तो ये है की जिन्हे इस बारे मे सोचना चाहिये उन्हे पता तक नहि है,और आप और हम जैसे लोग चिन्ता कर रहे है,खैर आपकी चिन्ता जायज है और एक दिन रन्ग लायेगी,तब सब को सोचना ही पडेगा
ReplyDeleteआगे आगे देखिये होता है क्या..क्या लगता है यहाँ कोई सुधार होगा ?
ReplyDeleteक्या हम भ्रष्ट नहीं हैं?....
ReplyDeleteक्या उसमें हमारी कोई हिस्सेदारी नहीं हैं?....
क्या हम इस सिरे से सोच सकते हैं?.....
कन्फर्म है ना ?मै तो ओर नीचे की उम्मीद कर रहा था
ReplyDeleteडॉ अनुराग जी निश्चिन्त रहें अगले वर्ष आपकी इच्छा अवश्य पूरी होगी… और ये जो भी इंडेक्स दिखा रहा है उसमें भी भ्रष्टाचार हुआ है, वरना भारत सौ के अन्दर आ ही नहीं सकता :) :)
ReplyDeleteनीतीश जी म्हारी ताऊ बुद्धि म्ह यो नी आ री की जब ७२ से ८५ नंबर आगये तो ये तो उन्नती ही हुई ना ? :)
ReplyDeleteखैर आपकी चिंता सार्थक है पर इमानदारी से इसमे कही ना कहीं हर नागरिक का योगदान है ! ऐसा मेरा मानना है , किसी के लिए बाध्यता नही है !
mera maanna hai ki naitikta yahan har aadmi ki kam ho gai hai. kuch to khatm hi ho gai hia, isi asi sthiti me aa gaye hain hum
ReplyDeletewe dont need survey
ReplyDeletewe r corrupt
do nt u think for sheer purchase of ticket of railway we break the line
great effort to eye opening
regards
अजी अभी तो एक इमान दार की कुर्सी बचाने के लिये इमान दारी से लेने देन हुआ हे... अगर कोई बेईमान की कुर्सी बचाता तो..... :)
ReplyDeleteकहां तक गिरे गे हम , वाह री इमानदारी... अभी तो गराफ़ देखते जाओ... यह चार चांद जरुर लगायेगे हमारे देश कॊ... फ़िर हम गर्व से कह सके गे कि हमारा देश ना० एक हे भ्रष्टाचार मे
समय की मांग है िक भारत को दुनिया की आर्थिक महाशि त बनाने का दावा करने वाले राजनेता पहले अपना आचरण सुधारें। देश में भ्रष्टाचार कम किए बिना आर्थिक विकास का सपना हकीकत में तब्दील नहीं हो सकता।
ReplyDeletewww.gustakhimaaph.blogspot.com
इसका जिम्मेदार मैं हूँ
ReplyDeleteइसके जिम्मेदार आप हो
इसके जिम्मेदार हम सब है
वीनस केसरी
agale varsh tak hamara desh nambar ban javega. ha ha ha
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