Wednesday, September 24, 2008

लीजिए, हम और Corrupt Nation हो गए

क्या फिर हमने गाड़े हैं झंडे। नहीं, इस बार हम 13 पायदान और गिरकर और भ्रष्टाचारी देश हो गए हैं। भारत में भ्रष्टाचार का इंडेक्स कुछ ज्यादा ही बढ़ता जा रहा है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ताज़ा रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग पिछले साल के मुकाबले और नीचे चली गई है। यानी की हम और करपट देशों में शुमार होने लगे हैं। एजेंसी ने दुनिभाभर के 180 देशों की सूची में भारत को भ्रष्टाचार के मामले में 85वें नंबर पर ऱखा है। पिछले साल भारत की रैंकिंग 72 वें स्थान पर थी। बड़े ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हम और गिर गए हैं।

हमारी इस दशा का जिम्मेदार कौन? यदि ये सवाल उठाया जाए तो हाल फिलहाल में संसद कांड याद आता है जिसे पूरी दुनिया में देखा गया था। जिसका नतीजा एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए सर्वे में सामने आया कि दुनिया में भारत भ्रष्टाचार के मामले में भारत की छवि और नीच गिर गई है। इस सर्वे को जिन बातों में ध्यान में रख कर किया गया वो राजनीतिक और सार्वजनिक सेवाओं में फैले भ्रष्टाचार हैं। वैसे रिपोर्ट में किसी खास डिपार्टमेंट का जिक्र नहीं किया गया है पर दुनियाभर के साथ भारत में भी भ्रष्टाचार के मामले में पुलिस विभाग ने अव्वल आकर झंडे गाड़े हैं।

अब सोचने की बात तो ये है कि क्या अगले साल हम कहीं और तो नहीं गिर जाएंगे?

आपका अपना
नीतीश राज

15 comments:

  1. बड़ा बबाल है जी!

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  2. corrupt...coppter..corrupest.....

    अभी भी सीढ़ी बाकी है....

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  3. coppter को corrupter पढ़ें.. :) spelling ही corrupt हो गई.

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  4. अफ़सोस की बात तो ये है की जिन्हे इस बारे मे सोचना चाहिये उन्हे पता तक नहि है,और आप और हम जैसे लोग चिन्ता कर रहे है,खैर आपकी चिन्ता जायज है और एक दिन रन्ग लायेगी,तब सब को सोचना ही पडेगा

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  5. आगे आगे देखिये होता है क्या..क्या लगता है यहाँ कोई सुधार होगा ?

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  6. क्‍या हम भ्रष्‍ट नहीं हैं?....
    क्‍या उसमें हमारी कोई हि‍स्‍सेदारी नहीं हैं?....
    क्‍या हम इस सि‍रे से सोच सकते हैं?.....

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  7. कन्फर्म है ना ?मै तो ओर नीचे की उम्मीद कर रहा था

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  8. डॉ अनुराग जी निश्चिन्त रहें अगले वर्ष आपकी इच्छा अवश्य पूरी होगी… और ये जो भी इंडेक्स दिखा रहा है उसमें भी भ्रष्टाचार हुआ है, वरना भारत सौ के अन्दर आ ही नहीं सकता :) :)

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  9. नीतीश जी म्हारी ताऊ बुद्धि म्ह यो नी आ री की जब ७२ से ८५ नंबर आगये तो ये तो उन्नती ही हुई ना ? :)
    खैर आपकी चिंता सार्थक है पर इमानदारी से इसमे कही ना कहीं हर नागरिक का योगदान है ! ऐसा मेरा मानना है , किसी के लिए बाध्यता नही है !

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  10. mera maanna hai ki naitikta yahan har aadmi ki kam ho gai hai. kuch to khatm hi ho gai hia, isi asi sthiti me aa gaye hain hum

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  11. we dont need survey
    we r corrupt
    do nt u think for sheer purchase of ticket of railway we break the line
    great effort to eye opening
    regards

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  12. अजी अभी तो एक इमान दार की कुर्सी बचाने के लिये इमान दारी से लेने देन हुआ हे... अगर कोई बेईमान की कुर्सी बचाता तो..... :)
    कहां तक गिरे गे हम , वाह री इमानदारी... अभी तो गराफ़ देखते जाओ... यह चार चांद जरुर लगायेगे हमारे देश कॊ... फ़िर हम गर्व से कह सके गे कि हमारा देश ना० एक हे भ्रष्‍टाचार मे

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  13. समय की मांग है िक भारत को दुनिया की आर्थिक महाशि त बनाने का दावा करने वाले राजनेता पहले अपना आचरण सुधारें। देश में भ्रष्टाचार कम किए बिना आर्थिक विकास का सपना हकीकत में तब्दील नहीं हो सकता।
    www.gustakhimaaph.blogspot.com

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  14. इसका जिम्मेदार मैं हूँ
    इसके जिम्मेदार आप हो
    इसके जिम्मेदार हम सब है

    वीनस केसरी

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पोस्ट पर आप अपनी राय रख सकते हैं बसर्ते कि उसकी भाषा से किसी को दिक्कत ना हो। आपकी राय अनमोल है, उन शब्दों की तरह जिनका कोईं भी मोल नहीं।

“जब भी बोलो, सोच कर बोलो,
मुद्दतों सोचो, मुख्तसर बोलो”