पुलिस को पता चला था कि बाटला हाऊस के इलाके में जो कि जामिया नगर इलाके में है उस की बिल्डिंग नंबर-एल १८ के चौथे फ्लोर पर कुछ आतंकवादी छुपे हुए हैं। बस इसके बाद का जो वाक्या है कोई नहीं जानता। एक बॉडी को जल्दी से ले जाया जा रहा है, कपड़े से लिपटी थी वो बॉडी। एक पुलिसवाला जो कि खून से लथपथ है उसे कुछ पुलिसकर्मी जल्दी से अस्पताल ले जाते हैं। फिर एक शख्स को पकड़कर उसपर चादर डालकर पुलिस ले जा रही हैं। बिल्कुल घालमेल सा पता चलता है, कहीं से, कुछ भी पुख्ता नहीं। ना ही किसी चैनल के पास ना ही कोई अधिकारी बोलने के लिए तैयार। बाद में पता चला कि आतंकवादियों के पास से ८ राउंड गोलियां चलाई गई, और दिल्ली पुलिस ने २२ राउंड फायर किए। कहा तो ये भी गया कि पुलिस वहां पर इन्वेस्टिगेट करने गई थी लेकिन आतंकवादियों ने पहले फायर खोलकर पुलिस को चुनौती दी।
धीरे-धीरे जानकारी मिलना शुरू हुई और फिर शाम ४ बजे डडवाल जीकी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ही खत्म हुई। फिर भी कई सवाल अनसुलझे।
पुलिस दिल्ली ब्लास्ट के बाद से ही इस कोशिश में लगी हुई थी कि उन्हें कोई टिप मिले और वो उस पर काम कर सके क्योंकि सबूत तो पूरे जुटा लिए गए थे। जैसे ही इन आतंकवादियों के ठहरने का पता चला तो स्पेशल सेल हरकत में आगया। वो नहीं चाहते थे कि इस मौके को कैसे भी छोड़ें। जिनको भी इस बारे में पता था वो सब चल दिए और पुलिस बल का बंदोबस्त पीछे से किया जा रहा था। सब को पता था कि वो बाटला में सघन तलाशी अभियान चलाएंगे। लेकिन इस तलाशी अभियान ने एनकाउंटर का रूप ले लिया। जिसमें कि दो आतंकवादी मारे गए और एक को पकड़ लिया गया। एक मारे गए आतंकी का नाम आतिफ उर्फ बशीर बताया गया, दूसरे का नाम साजिद और जो पकड़ा गया है उसका नाम सैफ है उसके पैर में लगी है गोली। और सबसे शर्मनाक ये की दो भाग गए।
तीनों के तीनों आजमगढ़ के हैं। इस जगह से एक एके ४७, दो रेगुल्यर पिस्टल, कंप्यूटर भी मिले, साथ ही काफी कागजात और नक्शे भी। दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा जो ऑपरेशन को लीड कर रहे थे उन्हें तीन गोली लगीं, तुरंत उपचार के लिए उन्हें होली फैमिली अस्पताल भेज दिया गया। दो गोली निकाल दी गई लेकिन तीसरी गोली जो कि उनके पेट में लगी थी उसने उनकी जान ले ली। ७ वीरता पुरस्कार और १५० इनाम से सम्मानित थे शहीद इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा, उन्होंने ७५ एनकाउंटर किए जिसमें ३५ आतंकवादियों को मार गिराया और ८५ आतंकियों को कानून के शिकंजे तक पहुंचाया। एसीपी राजबीर सिंह के साथ भी इंस्पेक्टर शर्मा ने कई एनकाउंटर में हाथ बटाया था। हेड कांन्सटेबल बलवंत को भी गोली लगी थी और एम्स में उनका उपचार चला, खतरे से वो बाहर हैं।
पुलिस ने जो जानकारी दी वो बहुत ही काबिले गौर करने वाली है। अबु बशर जिसको की गुजरात से दिल्ली लाया गया उसकी निशानदेही पर ये धरपकड़ नहीं हुई। जयपुर, बैंगलोर, अहमदाबाद, और अब दिल्ली में जितने भी ब्लास्ट हुए सभी चार जगहों का जायज़ा इस आतिफ और तौकीर ने लिया था। तौकीर ने ही भेजे हैं सारी जगह पर मेल और सभी मेल खुद तौकीर ने ही लिखे हैं। इन आतंकवादियों को पकड़ने के लिए दिल्ली धमाकों के बाद से ही २२ टीमें अलग अलग काम कर रहीं थीं। तकरीबन ५० हजार मोबाइल की कॉल डिटेल निकाले गए। दिल्ली पुलिस गुजरात पुलिस के संपर्क में भी थी। वहीं पर ये आतंकवादी दिल्ली की जगहों का जायजा जुटा कर गुजरात निकल गए। १२ लोगों की टीम गुजरात गई और २४ को अहमदाबाद पहुंचे। २६ को धमाकों के बाद फिर २७ को दिल्ली वापिस आ गए। वैसे इस बिल्डिंग एल-१८ में ये आतंकी लगभग २ महीने से रह रहे थे। दिल्ली में ही बैठकर ये सारी जगहों का प्लान किया गया।
अब दिल्ली पुलिस को किसी भी अंजाम तक ले जा सकता है तो वो है पकड़ा गया तीसरा आतंकवादी सैफ। वो ही बता सकेगा कि बचकर भागने वालों में कहीं तौकीर ही तो नहीं था?
लाइव एनकाउंटर पर मीडिया का रोल अगली बार।
जारी है...
आपका अपना
नीतीश राज
(शहीद इंस्पेक्टर शर्मा को श्रद्धाजलि)
"MY DREAMS" मेरे सपने मेरे अपने हैं, इनका कोई मोल है या नहीं, नहीं जानता, लेकिन इनकी अहमियत को सलाम करने वाले हर दिल में मेरी ही सांस बसती है..मेरे सपनों को समझने वाले वो, मेरे अपने हैं..वो सपने भी तो, मेरे अपने ही हैं...
Saturday, September 20, 2008
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“जब भी बोलो, सोच कर बोलो,
मुद्दतों सोचो, मुख्तसर बोलो”
शहीद इंस्पेक्टर शर्मा को नमन एवं श्रद्धाजलि..आगे विवरण का इन्तजार है.
ReplyDeleteविवरण के लिये धन्यवाद।
ReplyDeleteशहीद इंस्पेक्टर शर्मा के बारे में आपने जो जानकारी दी उसके बाद
ReplyDeleteइस शहीद के प्रति श्रद्धा और बढ़ गई ! उनको नमन और श्रद्धांजलि !
धन्यवाद नितीश जी!
ReplyDeleteदेश की सेवा में जान न्योछावर करने वाले इंसपेक्टर मोहन चन्द्र शर्मा को नमन. देश ने एक वीर खोया है. यह इन वीरों का त्याग ही है की हम घर में चैन से बैठ पा रहे हैं. हमें इनके त्याग के लिए कृतज्ञ होना चाहिए.
इंस्पेक्टर शर्मा की शहादत बेकार न जाए, सभी अब यही दुआ कर रहे हैं। उनके परिजनों को ईश्वर हौंसला दे।
ReplyDeleteपूरे देश की आँखे नम है नीतिश जी......
ReplyDeletejitendra ji ki hi baat karta hu... ye shahadat bekar na jaye bas..
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