क्या आपको पता है पीएम मनमोहन सिंह साहब और रक्षा मंत्री ए के एंटनी, की परिवार का कोई सदस्य यदि बंधक हो तो परिवार वालों पर क्या बीतती है। 19 दिन के बाद भी परिवार वालों की सुध लेने वाला सरकार की तरफ से कोई नहीं है। सिर्फ और सिर्फ आश्वासनों का दौर चल रहा है। हम अभी कार्रवाई कर रहे हैं, जल्द ही नतीजा आपके सामने होगा। अरे, क्या कार्रवाई कर रहे हैं, कब तक होगी कार्रवाई क्या आप बता सकते हैं। एक्शन लेने तक से तो आप डरते हैं। दूसरे देश अपनी नौसेना भेज रहे हैं। हमारे देश की नौसेना कह रही है कि वो बंधकों को रिहा करवाना चाहती है तो फिर कोई भी निर्णय लेने में हमारे देश की सरकार क्यों घबरा रही है। क्यो पीछे हट रहे हैं हम। अमेरिकी नौसेना वहां पर मौजूद है साथ ही रूस की तरफ से भी मदद दी जा रही है। रूस की नौसेना की टुकड़ी जिसमें कि तकरीबन 200 क्रू मैंबर हैं पहुंचने वाले हैं। यूक्रेन का भी एक जहाज इसी इलाके में बंधक खड़ा हुआ है जिसपर की अमेरिका आंखें गड़ाए बैठा है साथ ही इसमें रूस के लोग भी बंधक बने हुए हैं। जब दो देश की सेना वहां पहुंची हुई है तो फिर आप को क्या चिंता सता रही है। या तो मदद दो या फिर उनसे मदद लो लेकिन यदि अमेरिका या रूस जैसा बनना है तो फिर फैसला तो कुछ कड़ा ही लेना होगा क्योंकि कब तक कोई यूं ही हमारी मदद करता रहेगा। माना कि बंधकों में से आपका कोई भी नहीं है पर क्या जिन्होंने बंधक बनाया है वो आपके जान पहचान के हैं जो कि इतने दिन बाद भी इतनी ढिलाई बरती जा रही है।
15 सितंबर को सोमालिया कोस्ट पर एक व्यापारिक ऑयल टैंकर ‘स्टोल्ट वेलोर(Stolt valor)’ को बंधक बनाया गया था। जहाज पर 22 लोग हैं जिसमें से 18 भारतीय हैं। बाकी बचे 4 विदेशी हैं। हमारी सरकार कोई भी ठोस कदम या यूं कहें कि बल प्रयोग करने के पक्ष में नहीं है। रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है। हमारी सरकार घटना घट जाने के बाद अपने काम में लग चुकी है यानी कि अब नीति बनाई जा रही इन समुद्री लुटेरों से लड़ने के लिए। वाह ! चलो सांप तो निकल गया अब लाठी मारने का काम दिखावे के लिए तो कर लें।
क्या सोमालिया कोस्ट और यमन क्षेत्र के इन समुद्री लुटेरों के बारे में हम नहीं जानते। इनकी क्या रणनीति होती है क्या हमें नहीं पता। ये जहाज भी उड़ाना या डुबाना जानते हैं। इनका क़हर बरपा हुआ है। जनवरी 2008 से लेकर अब तक 55 जहाजों को अगवा कर चुके हैं जिसमें से 11 जहाज अब भी इनके कब्जे में हैं। इन समुद्री लुटेरों ने इस जहाज को छोड़ने के एवज में 6 करोड़ की मांग की है। कई बार तो इन लुटेरों से बातचीत महीने-महीने चल जाती है, नहीं तो कम से कम 30 दिन का समय तो लगता ही है। तब तक क्या होगा इन 22 लोगों का जो कि अभी तक तो सुरक्षित हैं पर क्या आगे भी रह पाएंगे।
Stolt valor भारतीय जहाज नहीं है, इसका रजिस्ट्रेशन हांगकांग में किया गया और मालिक जापानी है। क्रू पूरा भारतीय है तो सोचना तो भारतीय सरकार को ही होगा।सबसे बड़ी अड़चन जो भारत सरकार के सामने आ रही है शायद वो है कि सोमालिया के क्षेत्र में वो ही देश कार्रवाई कर सकता है जिस देश का झंडा उस बंधक जहाज पर लगा हो और उस पर भारत का झंडा नहीं है। ये प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हाल ही में पारित हुआ था। लेकिन हम हाथ पर हाथ धरे उन २२ लोगों को भगवान भरोसे तो नहीं ही छोड़ सकते।
तब से अब तक 19 दिन बीत चुके हैं। परिवार वाले मारे-मारे फिर रहे हैं। मंत्रियों के दर- दर की ठोकरें खा रहे हैं। कैप्टन पी के गोयल की पत्नी सीमा गोयल और साथ में बंधक परिवार के सदस्य भी हर समय कभी इस न्यूज चैनल तो कभी दूसरे, कि सरकार कैसे तो इनकी आवाज़ सुनें, और देश के लोगों तक उनकी आवाज़ पहुंचे, और तभी सरकार कोई कारगर कदम उठाए। साथ ही सीमा गोयल और बंधकों के परिवार वाले १० जनपथ जाकर राहुल गांधी से भी गुहार लगा चुके हैं और साथ ही साउथ ब्लाक भी फरियाद करके आगए हैं। पर क्या हमारी सरकार को परिवार वालों के फरियाद और गुहार करने के बाद ही फैसले के बारे में सोचना होगा। क्यों सरकार सोती रहती है कि जब कोई फरियादी उन तक आएगा तब जाकर सरकार कोई कदम उठाएगी? ऐसा क्यों?
आपका अपना
नीतीश राज
"MY DREAMS" मेरे सपने मेरे अपने हैं, इनका कोई मोल है या नहीं, नहीं जानता, लेकिन इनकी अहमियत को सलाम करने वाले हर दिल में मेरी ही सांस बसती है..मेरे सपनों को समझने वाले वो, मेरे अपने हैं..वो सपने भी तो, मेरे अपने ही हैं...
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“जब भी बोलो, सोच कर बोलो,
मुद्दतों सोचो, मुख्तसर बोलो”
अरे यह सब तो सोये ही रहे गे, हमे जागना चाहिये इन्हे कभी मत वोट दो साले चाहे कितने ही नाटक करे, घुस जाये किसी गरीब की झोपडी मे चाहे स...............
ReplyDeleteसही कहा आपने बंधकों मे कोई नेता का रिश्तेदार होता तभी जागती सरकार्। छत्त्तीसगढ मे भी एक हेलिकोप्टर को गुम हुये पूरे दो माह बीत चुके हैं,मगर कोई ठोस कार्रवाई नही हुई।क्या कहें?कुछ समझ मे भी नही आता।
ReplyDeleteबहुत सच कहा आपने ! आजकल कोई आका नही तो कुछ नही ! सीधे साधे आदमी तो कीडे मकौडे की तरह हैं ! उनकी फिक्र की
ReplyDeleteजरुरत ही सरकार को क्यूँ करनी चाहिये !
अनिल जी, आपने सही कहा, कोई भी अखबार इस खबर को नहीं उठा रहा है चार पायलट सदस्यों के गुम होने वाली और एक एनडीटीवी ने ही शायद फॉलोअप किया था। सच में वो हेलिकॉप्टर का पता ना चल पाना दुखद है।
ReplyDeleteइनका तो ऐसा रियाज है कि फरियाद पर भी न जागें..किन से उम्मीद लगा बैठे...
ReplyDeleteग्रह मंत्री प्रधनमट्री मुलायम सिंह लालू और राम विलास ने पता कर लिया था कि उनमे कोई (मुसलमान या इसाई )अल्प संख्यक नही है इसलिये सरकार को कोई लेना देना नही . हिंदू वैसे भी अभी देश मे फ़ालतू है
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