इस जीत में सबसे बड़ा योगदान सुरेश रैना और कप्तान धोनी का रहा। सुरेश रैना को शानदार बल्लेबाजी और दो सुपर कैचों के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। सुरेश रैना ने जबरदस्त 76 रन का योगदान दिया मात्र 78 गेंद में। जिसमें 6 चौके और एक शानदार छक्का शामिल था। कोहली के साथ मिलकर रैना ने दो विकेट के बाद टीम को संभाला। कोहली 7 चौकों की मदद से 54 रन बनाने के बाद तुषारा का शिकार बने। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी पारी खेली। रैना के साथ मिलकर 143 रन की साझेदारी ने भारत की नैया पार लगा दी। धोनी ने 80 गेंद पर 71 रन का योगदान दिया। भारत ने श्रीलंका के सामने 259 का लक्ष्य रखा। इस बीच श्रीलंका के लिए सिर्फ एक खुशखबरी थी कि चमिंडा वास ने युवराज का विकेट चटकाकर 400 विकेट पूरे किए। तुषारा ने कमाल की गेंदबाजी की और 5 विकेट झटके।
जयशूर्या ने आते के साथ ही हाथ दिखाने शुरू कर दिए। ऐसा लग रहा था कि वो जल्दी से जल्दी मैच जीतने की फिराक में हैं। पर मुनाफ ने दूसरे छोर पर खड़े बर्नापुरा का विकेट झटक लिया। पटेल ने संगकारा का भी विकेट झटक लिया। फिर तो कप्तान जयवर्द्धना की कोशिशें भी श्रीलंका को हार से नहीं बचा पाई। थोड़ी बहुत कोशिश तुषारा ने की पर जहीर खान की गेंद पर रैना ने शानदार कैच लपक भारत की जीत पर मुहर लगा दी। भज्जी ने फिर गेंद से कमाल दिखाया 3 विकेट झटके।
धोनी ने दिखा दिया की वो एक शानदार कप्तान हैं। पहला वन डे हारने के बाद धोनी ने मेंडिस की तारीफ की थी और फिर दूसरे मैच से उसे धोनी ने पढ़ लिया। पूरी टीम को दिया मूलमंत्र 'पीटो मेंडिस को, मारो मुरली को'। रणनीति कामयाब रही और टीम पर छाया एम फेक्टर का खौफ खत्म हो गया। हम सीरीज जीत चुके हैं और साथ ही अब चयनसमीति ये सोचने पर मजबूर होगई है कि क्या धोनी को टेस्ट टीम की भी कप्तानी दे देनी चाहिए? वैसे हर जगह आवाज़ उठ चुकी है।
नीतीश राज